वाह सा! वाह सा!

आप तो आप सा!

कैवणौ कांई आप रौ

कांई आप री बात सा!

देस देस कूंट कूंट

चेलकिया है आप रा

फेरै माळा आप री

करै आपरौ जाप सा!

जिग्यां जिग्यां फिरौ हांडता

जीमणै रा नूंता खातर

बरस बीतग्या जीमतां

फेरूं नीं धाप सा!

जोर किणी रौ चालै कोनीं

करै तो करै कांई

आपरी गोझी में है

हर पग रौ नाप सा!

लोग घणा तड़फा तोड़ै

आठूं पौर माथौ फोड़ै

पण छूटै धूजणी सामीं

आप सबद री खाप सा!

पूग सकै नीं कोई आप नै

नसां सगळी आप कन्नै

जोड़-तोड़ री राजनीति में

आप सगळां रा बाप सा!

स्रोत
  • सिरजक : नवनीत पाण्डे ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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