बेटा

मती रट सबद

आखर रा जाळा

आं मांय

पज गियौ तौ

सांसां रौ तोटौ है,

थूं

नीं समझैला

अजै छोटौ है।

बेटा

आजादी अर सपना

थनै पढाइजैला

पण

आंरा अरथ

थारी आंखियां

नीं मावैला।

आंनै

जांणण री जिद करी

तौ बेमौत मारियौ जावैला।

स्रोत
  • पोथी : जातरा अर पड़ाव ,
  • सिरजक : अर्जुनदेव चारण ,
  • संपादक : नंद भारद्वाज ,
  • प्रकाशक : साहित्य अकादेमी ,
  • संस्करण : प्रथम