आज रौ मिनख
बिसरग्यौ खेजड़ा री छिंया
बबूल्यां रौ आसरौ
छाल्यां रौ चरावणौ
आडै कांकड़ चालणौ
मोटौ पैरणौ अर
मोटौ खावणौ ।
आज रौ मिनख
धरती माथै नीं चालै
मिनखापणौ दोयम व्हैग्यौ
माया रा चक्कर में
रात-दिन फिरै
आपरै सुख नै खोजै
दूजां सारु नीं सोचै ।
ईं कारण
आज रौ मिनख
अेकलौ व्हैग्यौ
मिनखाचारै री डोर तूटगी
सुवारथ रै आगै आंधी व्हैग्यौ
अर दोड़तौ-न्हाटतौ थाकग्यौ
नीं जाणै वौ
वीं नै कठै जावणौ है ।