आग नफरत री बुझाओ, आ समै री माँग है।
हेत री जाजम जमाओ, आ समै री माँग है।
दूसरां री दाढ़िया में, तिणकला जोवो मती,
आईना खुद नैं दिखाओ, आ समै री माँग है।
मौन तोड्यां बिन मनां री, ग्रन्थियां उळझै घुळै,
परस्पर बोलो - बुलाओ, आ समै री माँग है।
बरस बीत्या बरगदां रै, बारणे चौकी खड्यां,
बाळक्या पौधा बचाओ, आ समै री माँग है।
बारणा अर बारियाँ ढक, सोवण सूं नीं सधै,
आज घर बार आओ, आ समै री माँग है।
दोष देकर दूसरा नैं, पाक - दामण मत बणो,
आंगळी खुद पर उठाओ, आ समै री माँग है।
मूंछ माड़ी टेम रै, मुख - कोट में बड़ सोयगी,
पूंछ सूं माखी उड़ाओ, आ समै री माँग है।
नेह-नाडां रै निलज्जी, नाळियां है चित चढी,
साख समदर री बचाओ, आ समै री माँग है।
आगियां अर चांद तारां सूं, अँधारो नीं छंटै,
भाण भळहळतो उगाओ, आ समै री माँग है।
बंद पोळां में पनपती, नागफणियां न्हाळ कर,
आगळां अळगी बगाओ, आ समै री माँग है।
डूंगरा अर परघरां री, आग में पूळा दिया,
हुनर मत आजमाओ, आ समै री माँग है।
हेत ठस नै हिम बण्यो है, पिघळणो भूल्यो परो,
स्नेह-गंगा फिर बहाओ आ समै री माँग है।
चूड़ गफलत री चढ्यो, 'गजराज' थारो गाँव ओ
भ्रम री भींतां हटाओ, आ समै री माँग है।