उघाड़ै वारणै धाड़ नहीं, उजाड़ गांव में राड़ नहीं।
जिस मकान का दरवाजा खुला रहता है, वहाँ डाका नहीं पड़ता और उजाड़ गाँव में झगड़ा नहीं होता।