अठे गुड़ गीलो कोनी अथवा इसो गुड़ गीलो कोनी।
यह कहावत उस व्यक्ति के लिए प्रयुक्त होती है जो बहुत नरम या बहुत सीधा नहीं होता। तात्पर्य यह है कि यह आदमी ऐसा सीधा नहीं है कि कोई उसे ठग ले अथवा ऐसा नरम नहीं है कोई कहे, वैसा ही करले।