थांरी आंख्यां नीलो पाणी, म्है जाणा
इण पाणी री भोत कहाणी, म्है जाणा
कैई डूब्या, तिरग्य कैई नीलपणै
खाग्या कैई गाणी - माणी, म्है जाणा
आया कैई त्यार खङ्या है आवण नै
ओ मारग है तैली - घाणी, म्है जाणा
जिकी कहाणी नानी रोज सुणाती ही
बां कहाण्यां मिली ना राणी, म्है जाणा
मुळक भर्योड़ी किणनै सगळी रात मिलै
जियाजूण है लँगड़ी काणी, म्है जाणा