सुण मेघां री गाज मोरिया

क्यूं कुरळावे आज मोरिया

मत देख्या कर नाच पगां नै

माथै थारे ताज मोरिया

साच झूठ सब एक तराजै

बोटां रो राज मोरिया

ज़ैर मिलाय न्हांकदे दाणां

ध्यान राख चुग नाज मोरिया

खेंचतांण रो मेवो खोटो

चोखा रोटी प्याज मोरिया

खोटी रीतां छोड़ण खातर

कैंकी आवे लाज मोरिया

खावे सूर कुटीजै पाडा

रूंधी क्यूं आवाज मोरिया

घर में हांण-हँसाई जग में

आगो छोड लिहाज मोरिया

बन में लाय भयंकर लागी

भाज सकै तो भाज मोरिया

कै कागां सूं हार मान ले

बूढो घायल बाज मोरिया

खावे खोस मिरगल्यां खेती

मन ने कर मृगराज मोरिया

मोर मुकुट मुरऴी कर मोहक

'गोकळ' रे ब्रजराज मोरिया

स्रोत
  • सिरजक : गोकुलदान खिड़िया ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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