मोहबत री बातां, मत कर।
नफरत री बातां, मत कर॥
धरती सूं अपणेस बढ़ा-।
जन्नत री बातां, मत कर॥
मैनत सूं तकदीर बदल-
किसमत री बातां, मत कर॥
जठै सांच री समझ नहीं-
उलफत री बातां, मत कर॥
आंगणिये बैठ्यो बैठ्यो-
तू छत री बातां, मत कर॥
सोफा पर पसर् यां पसर् यां-
परबत री बातां, मत कर॥
नीयत खोटी राख’र तू-
बरकत री बातां, मत कर॥
आदत तो मजबूरी है-
आदत री बातां, मत कर॥
म्हे हां कलमकार म्हां सूं-
दौलत री बातां, मत कर॥
जात-पांत रा जंगल में-
जनमत री बातां, मत कर॥
रोटी रा मोहताजां सूं-
असमत री बातां, मत कर॥
मन सूं हार गिया उण सूं —
हिम्मत री बातां, मत कर॥