कीकर लागै जग चोखो है
भरियो धावू धप्प धोखो है
डसज्यै नाग बावां रा बण’र
लाग ज्याय जद ई मौको है
पनपण ई नीं दिवी खेजड़ी
कठै सांगरी अर खोखो है
जुड़ ज्यालो यूं फिर्यां उघाड़ो
म्हीनों तो चालै पो को है
किण विध अै चीणां चाबीजै
दाणो दाणो जद लो को है
अफसरियो मांगै रातोड़ा
नोट जेब में पण सो को है
कींकर गाय’र राग सुणावां
मुंडो तो काठो बोखो है।