पालणै में सोज्या पीरथीपाळ!
गीत सुणाऊं बाला, सोज्या नैना बाळ!
मावड़ बैठी थेपड़े नै हियौ हुलराय
दूध पियां नै दो दिन हुयग्या, नींद कठा सूं आय!
म्हारै काळजा री कोर
इण में जांमण रौ कांई जोर?
जे थूं बाला लोई पीवै, चीर चांमड़ी पाऊं
खारौ पांणी पीतौ व्है तो आंसूड़ा ढळकाऊं
सोज्या घर रा चानणा रै भूखां रा भोपाळ
पालणै में सोज्या पिरथीपाळ!
धमक-धमक घण बजै हथोड़ा कमतरियां रा बाजा
काची नींद भिचक मत जाजै, औ सपना रा राजा!
घुरै नगारां री घोक
धूजै कांपै तीनूं लोक!
नेहचै नींद लियां जा नैना, यां सूं कदै न डरणौ
जीणौ जग में गाजां-बाजां, ढोल घुरतां मरणौ
देख गुडाळ्यां हालै उण दिन, डूंगर डिगणौ चहीजै
अड़ी हत्थळ मेलै रे बेटा, आभौ झुकणौ चहीजै
थड़ी करै जद आणौ चहीजै, धरती में भूचाल
पालण में सोज्या पिरथीपाळ?
बाळपणै में गढ़ कोटां री, अेक सुणी म्हैं बात
राजा-रांणी हुता देवता, झुकती प्रजा अनाथ
देख कांमणी रौ रूप
लाज लूट लेता भूप!
पण अबै तो वे दिन औड़ा फिरया, राजा रह्या न रांणी
खेती खड़नै पेट भरै है, ठाकर नै ठकरांणी
सड़कां ऊपर करै मजूरी, मोटा सेठ-सेठांणी
करसां नै मजदूरां आगै, भरै अमीरी पांणी
नवौ जमांनौ, नवी बात रौ ऊग्यौ सूरज लाल
पाल में सोज्या पिरथीपाळ!