म्हारी जीव री जड़ी

म्हारी रूपाळी गिणगौर

म्हारै काळजिया री कोर

अेकर तौ आजे अे पाछी आंगणै

आसी आसी अे धीवड़ली म्हारी

रंगां रौ तिंवार, गौर पूजण रौ तिंवार

किंकर तौ पालूं अे, कोडीली थारी याद नै

किंकर तौ बिसराऊं थारा, मेंदी राच्या हाथ

थारौ सुरंगौ सिणगार,

साथै साथणियां रौ साथ

मौळी पड़गी अे जीवण री गैरी हूंस

बदरंग तौ हूगी अे, म्हारी होळियां

म्हारी जीव री जड़ी...

आसी आसी अे धीवड़ली म्हारी

तीजां रा तिंवार,

हिंडा हिंडण रा तिंवार

किणरै तौ सांधूलां, सातू सोवणा

किणरै तौ मोलाऊं, झीणा ले'रिया

म्हारा बागां री किलोळ

म्हारा मन री हिलोर

मगसा पड़गा अे, मायड़ रा झाझा कोड

कुण तौ करैला थारी होड

अेकर तौ बावड़जै पाछी आंगणै..

आसी आसी रे, चांदणिया घर रा

दिवाळी तिंवार, जगमग जोत रौ तिंवार

कुण तौ जुपावै अे, गोखै दीवला

कुण तौ बंटावै अे, रसौड़ै म्हारौ हाथ

म्हारा मन रौ आंगण सूनौ, पूजण लिछमी रौ अधूरौ

थारौ दीपंतौ उणियारौ, थां बिन च्यारूं कूंट अंधारौ,

म्हारा काळजिया री कोर, अेकर तौ आजै अे

पाछी आंगणै..

मंडसी मंडसी अे धीवज म्हारी

बीरौ सा रौ ब्यांव, थारै लाडेसर रौ ब्यांव

किंकर तौ जोवेला अे बो, बैनां में खाली थारी ठौड़

किंकर तौ धारैला बो धीर, हियौ भरीजतां

कुण तौ पूरैला अे चौक, कुण तौ घौड़ी री रासां थामसी

थारौ बार रोकाई रौ नेग, थारौ पेटी वाळौ नेग

काळजौ चीरैला अे लाडू थारी माय रौ

म्हारी रूपाळी गिणगौर...

थारी नथड़ी रौ वो भळकौ

म्हारी आंख्यां मांही जीवै

थारी पाजेबां रौ झमकौ

म्हारा कानां नै सुणीजै

थारा मीठोड़ा बै बैण

म्हारा अंतस नै कुरळावै

थारी ओळ्यूं तौ पळकै अे लाडल,

पल-पल हिवड़ा मांय,

निजोरी रीतां अै कुण घड़ दी

कांईं सांवरिया रै जचगी

म्हनै थां सूं अळगी करदी.!

काळजै म्हारै भोभर भरदी

बगत थूं कितरौ निस्ठुर व्हैगौ.!

सूंपी छानैड़ी बंलळ लाडल धीव सूं

म्हारी रूपाळी गिणगौर..।

स्रोत
  • पोथी : आळोच ,
  • सिरजक : डॉ. धनंजया अमरावत ,
  • प्रकाशक : रॉयल पब्लिकेशन, रातानाडा, जोधपुर (राज.) ,
  • संस्करण : प्रथम
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