बळधां नै ललकारया बेली, देखो कुण जाय।

ठण्डी राता मारग बैता नाचै तेजो गाय।

हाथ में ताण छतरड़ी कान नै पकड़ हिलायो।

प्रीत रा मीठा गावै गीत, बीन राग रिझायो॥

धरा पर सावण छायो रे

मास बरसाळो आयो रे॥

काळी कळायण ऊमटी रे बरसण लाग्या लोर।

इन्दर सिराणै आय धड़ूक्यो मीठा ही बोल्या मोर॥

सुण अम्बर गिरणायो जोर, मोरियो नाच-नचायो।

टिकै नीं धरणी ऊपर चरण छतर कर सोर मचायो।

आभो लोरा छायो रे

मास बरसाळो आयो रे॥

टणमण बोलै टोकरा गाया री उछरी छाग।

हळियो ले करसलियो चाल्यो खेता खोजा टाग॥

किलोळया करै किलोळा देख बीच में कोई बडूक्यो।

गोरी ली गाया नै टोळ छाग साड घडूक्यो॥

गोरवैं सोर मचायो रे

मास बरसाळो आयो रे॥

अळगोजा घुरावण लागो धरी टांग पर टांग।

चादी रा घूघरिया जड़िया पड़ी सिराणै डांग॥

मस्त मौजीड़ो राग मल्लार घोळ रस पान करावै।

काळी-पीळी-धोळी धेन, दौड़ती लीलो खावै॥

निरख मन अजस आयो रे

मास बरसाळो आयो रे॥

कोडीलै करसलियै बैल्या हळ पर दीनो हाथ।

राजी हुयो रामजी ऊग्यो सोनै रो परभात॥

बळदियो हाको पूछ मरोड़ी रोज उठ भरो हाजरी।

करदै धोरा में भगवान मतीरा मोठ बाजरी॥

हुळस हियो भर आयो रे

मास बरसाळो आयो रे॥

पड़ै तावड़ो मगरा माथै पसीनै रा खाळ।

रगत पसीनो एक हुयो, चोटी में उठगी झाळ॥

तावड़ै लाय उघाड़ो साव बळदिया जोत जुवाड़ो।

खेत में नर ऊभो पग रोप खधै पर धर कुवाड़ो॥

मैणत कर मोद रिझायो रे

मास बरसाळो आयो रे॥

पाथ-पाथ में भात-भतीली भणत पड़ै भणकार।

करसो करै निदाण खेत में जागी रे रणकार॥

निदाणै बाजर-मोठ गुवार सरड़ उठै सरड़ाटा।

कसिया आती-जाती खरड़-जरड़ बोलै जरइटा॥

अम्बर ऊच उछाळयो रे॥

मास बरसाळो आयो रे॥

सिटिया माथै कूकू छायो पीळा पड़ग्या खेत।

ईरड़ियै सिट्टा रो मोरण मीठो लागै सैत॥

काचर बोर मतीरा मेवा खेत नै सुरग बणावै।

धोरा री छबी निराळी निरख देवता मन ललचावै॥

अपसरा गीता गायो रे

मास बरसाळो आयो रे॥

लेय दातलो कड़बी ढूक्यो करळो कीनो रे।

पूग आवड़ी धोरे माथै हेलो दीनो रे॥

बेली आव बराबर देख घमक घूघर घमकावै।

आवड़ी बाघ न्हावड़ी देख ठमक एडी ठमकावै॥

देख मन मिनखा भायो रे

मास बरसाळो आयो रे॥

बहती दे फटकारा करसी आवै छाजलो देय।

करसो ऊपणै बाजरी करसी डुखळिया लेय॥

पीळी जरद बाजरी ढिगलो लाजड़ी राखी हरजी।

भरिया अन-धन सू भंडार महर मालिक री मरजी॥

पसीनो सींच कमायो रे

मास बरसाळो आयो रे॥

स्रोत
  • पोथी : मुरधर म्हारो देस ,
  • सिरजक : कानदान ‘कल्पित’ ,
  • प्रकाशक : विकास प्रकाशन
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