बाज्यो होली रो चंग

मन में उठी रे तंरग

होली खेलूं रे साजन

मैं तो थांका संग में

बाज्यों....

बारै उड़ै छै गुलाल

सारी धरती होगी लाल

जीपर खेलै म्हारो लाल

म्हारी टीकी भी है लाल

म्हारी चूंदड़ी भी है लाल

हाथां मेंहदी राची लाल

अब न्हाको जी गुलाल

म्हानै डर लागै

बाज्यौ...

थांका भायला भी आसी

रंग घोल घोल ल्यासी

नीचै गीत गाता आसी

मैं तो छुप ज्यासूं ओरा में

मेड़ी करसी खराब

बाज्यो...

म्हारी भायेल्यां भी आसी

म्हानै हाथ पकड़ ले ज्यासी

वे तो रंग सूं लथ पथ करसी

कोई माथा पर उन्दासी

कोई मूंडो रंग ज्यासी

मैं तो एकली पड़ ज्यास्यूं

पछै मैं काँई करस्यूं

बाज्यो...

ल्यो पिचकारी थांकै हाथ

खेल्यां आपां दोनो साथ

धीरे मारो जी पिचकारी

म्हानै डर लागै

बाज्यो...

ल्यो पिचकारी थांकै हाथ

खेल्यां आपां दोनो साथ

धीरे मारो जी पिचकारी

म्हानै डर लागै

बाज्यो...

स्रोत
  • पोथी : राजस्थानी गीत ,
  • सिरजक : आशा रानी लखोटिया ,
  • प्रकाशक : आशा पब्लिशिंग हाउस
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