म्हां जाग्या तो धरती जागी, जाग्या म्हां मतवाळा।
अलबेला म्हां राजस्थानी मायड़ रा रखवाळा।
है कोई इंसान तो जगती देखले।
जाग उठ्यां नादान।
आज देख लो दुनिया सगळी जाग्यो राजस्थान॥
रग-रग म उफाण भर्योड़ो, मैं हां हिम्मत वाळा।
अब तो इण नांन्हा हाथां सूं, ह्वैसी खेल निराळा।
है कोई इंसान तो जगती देख ले, जाग उठ्या नादान।
आज देख लो दुनियां सगळी जाग्यो राजस्थान॥
फूट उठे धरती रो कण-कण, जद-जद भरां उछाळा।
आंधी ओळा खून पसीनो, सबनै गळे लगालां।
है कोई इंसान तो जगती देख ले, जाग उठ्या नादान।
आज देख लो दुनियां सगळी जाग्यो राजस्थान॥
धरती मांगै खून पसीनो, बणस्यां म्हां हळवाळा।
काम करालां नाम करांला, मेहनत रंग रचांला।
है कोई इंसान तो जगती देख ले, जाग उठ्या नादान।
आज देख लो दुनियां सगळी जाग्यो राजस्थान॥
नुवां जोश रा नुवां होश रा, मेहनत करबा वाळा।
कांधा सूं कांधो जोड़ांला, आओ बिगुल बजाळां।
है कोई इन्सान तो दुनिया देख ले, जाग उठ्या नादान।
आज देख लो दुनियाँ सगळी जाग्यो राजस्थान॥
जाग्यो राजस्थान।
जाग्यो राजस्थान।