लाम्बो गेडियो चलातो, डोढी डिचकार्यां लगातो
लरड़्यां-छाळ्यां नै चरांतो—
गुवाळ्यो जावै झूमतो
गुवाळ्यो गावै लूमतो
ओ रेवड़ घूमतो
एवड़ झूमतो रे घूमतो रे लूमतो!
ठंडी खेजड़लै री छांव
ईंरा राता ताता पांव
ऊपर बोलै कागो ‘कांव’
ईरो अळगो घणो गांव
नान्हा उण्यां नै ऊंचातो गोगड़ घेटा घेर लांतो
सूखा टूकड़ा चबांतो—
लाम्बो गेडियो...
माथै पोतियो संभाळ
भागै मन में लियां झाळ
ओछो धोतियो ऊछाळ
करै एवड़ री रूखाळ
मधरो अलगोजो बजांतो आखै मगरै नै गुंजातो
म्हारै मनड़े नै रिझांतो—
लाम्बो गेडियो...
ईरी धोळ्या नखराळ्यां
माथो धूणती घूंघरवाळ्यां
ईरी काळ्यां भोळ्यां-भाळ्यां
टाबर खेलै दे दे ताळ्यां
सिझ्या माता नै मनांतो गांव सींवड़ै में आंतो
धनड़ो धणियां नै संभळातो—
लाम्बो गेडियो...
इण नै पापी पेट दुड़ावै
इणरी काया भूख सतावै
धण नै बात्यां में बिळमावै
टाबर छाती सूं लगावै
जुगां जुग मैणत जोत जगांतो दुख रा दिनड़ा नै बिसरातो
धीरज मोटी बात बतांतो—
लाम्बो गेडियो...