देस री आजादी माथै भार पड़ियो रे।
हालो हिमाळै॥
हिमाळै री बुरजा माथै जगी तोपा गरजै रे॥
भाया री छाती रै माथे गोळा बरसै रे॥
हालो हिमाळै॥
सूता कींकर साथीड़ा अबकाळै काम पड़ियो रे॥
छाती माथै दुसमी वाळो हाथ पड़ियो रे॥
हालो हिमाळै॥
कांकड़ माथै झगड़ो मंडियो चीला दीनो गरणाटो॥
तोपा रा घमीड़ उठै गोळया रो बरणाटो॥
हालो हिमाळै॥
पाबूजी हरबूजी जागो दुसर्मी कांकड़ ऊतरियो॥
सूता कींकर अमलीजी काई अमल ऊतरियो॥
हालो हिमाळै॥
बळबळती भोभर में भूल’र पग मत दीजै आच में॥
कासमीर सुपणै में देखी पळको काच में॥
हालो हिमाळै॥
बैताड़ी रण-गगा में सायीड़ा हाथ धोलो रे॥
झगड़ै हाला खाधै पर बन्दूक धरलो रे॥
हालो हिमाळै॥
हिमाळै री धोळी भींता गुदळै लोही रगदी रे॥
घाटी-घाटी मिनखा-लोही लाल करदी रे॥
हालो हिमाळै॥
मरणो तेवड़ साथीड़ा घर-घर सू आज निकळज्यो रे॥
खांधै खापण लेयनै हिमाळै ढळज्यो रे॥
हालो हिमाळै॥
जीता रिया पाछा आता जगी ढोल घुरावा रे॥
मरिया इण झगड़ै में, सैंदे सुरगा जावा रे॥
हालो हिमाळै॥
भीड़ पड़ै जद भाया में, भाईड़ा नैड़ा रीज्यो रे॥
कानदान गावै फागणियो ध्यान धरीज्यो रे॥
हालो हिमाळै॥
देस री आजादी माथै भार पड़ियो रे।
हालो हिमाळै॥