बाजरा को सिट्टो उग्यो
ऊपर फूमी लागी रे
धीरे धीरे बाजरा को
सट्टो पाक्यो-रे
बायो बाजरो, खास्यूं खीचड़ो।
बाजरो जद पाकण लाग्यो
मोर्या चुग चुग जावै रे
गोफण ले र उडावंता
म्हारा हाथ दूखबा लाग्या रे।
बायो...
बाजरा में नीलो उग्यो
नत्राणी कर आती रे
सारा दिन नत्राणी करता
कमर दूखबा लागी रे।
बायो...
सारा दिन मैं बणी रे पाणती
बाजरा नै पायो रे
देखता ही देखता
बो सिट्टो पाक्यो रे।
बायो...
पड़ोसण न मालुम पड़गी
सुबह सुबह ही आगी रे
म्हारो छोरो आड़ो लाग्यो
सिट्टो खासी रे
बायो...
सारा सिट्टा बीनै दे दीया
मैं यूं की यूं रहगी रे
तेल खीचड़ो खाबारी
म्हारा मन में रहगी रे
बायो...