मन रै मान सरोवर मांही

बैठ्यो हंसो पांख पसार

मोती चुगस्यां इमरत पी स्यां

इण आसा नै मन में धार।

बिगत बिसारी अबरी सारो

बात ध्यान ले आयो यार

नाव न्याय री डूबण लागी

मिनख जूण स्यूं लोप्यो प्यार

छोटी छोटी मच्छल्यां लारै

मोटा मोटा माणसमार

अरै बचाल्यो अरै बचाल्यो

थारो म्हारो भेद बिसार

नाव डूबियां सै डूबांला

डूबां ला म्है काळी धार

सुख संचै कद धरा धिराणी

इण री माया अपरमपार।

स्रोत
  • पोथी : जूझती जूण ,
  • सिरजक : मोहम्मद सदीक ,
  • प्रकाशक : सलमा प्रकाशन ,
  • संस्करण : Pratham
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