झटक झाड़बड़ रटक सूड़ पर
बोलण दै भच्चीड़ो रे बेली धीरो रे।
निरेताळ री झाटक राटक
उट्ठण दै हब्बीड़ो रे
बेली धीरो रे॥
खटक बसोलो रटक बजावै हळ थाटै खातीड़ो रे।
पीलै बादळ खेत पूगियो हळ लेकर हाळीड़ो रे।
भातो ले भतवारयां हाली ले बळधां रै नीरो रे।
बेली धीरो रे॥
झटक झाड़बड़ रटक सूड़ पर
बोलण दै भच्चीड़ो रे बेली धीरो रे।
फाटी-सी धोती अंगरखी हूगी लीरो-लीरो रे।
रगत पसीनो धरती सींचै ओ लाडेसर कीं रो रे।
जीवत खाल तावड़ै बाळै ओ कुण मस्त फकीरो रे।
बेली धीरो रे॥
झटक झाड़बड़ रटक सूड़ पर
बोलण दै भच्चीड़ो रे बेली धीरो रे।
पेट पड़यो पातळियो खाली भूखो हळियो बावै है।
भूख-तिरस नै मार तपस्वी पच-पच खेत कमावै है।
उतर खालड़ी बाठा लागै जद आवै कातीरो रे।
बेली धीरो रे॥
झटक झाड़बड़ रटक सूड़ पर
बोलण दै भच्चीड़ो रे बेली धीरो रे।
हिमत राखज्ये मत घबराई दुख घणेरा आवैला।
अलख जगा खेतां में बेली हीरा बिणज कमावैला।
आवैला मैणत कर बाळद लाख-लाख रो हीरो रे।
बेली धीरो रे॥
झटक झाड़बड़ रटक सूड़ पर
बोलण दै भच्चीड़ो रे बेली धीरो रे।
मुरधर री धोरा धरती रो मीठो गटक मतीरो रे।
टीबै माथै बैठ साथीड़ा कणक काकड़ी चीरो रे।
खटमीठा काचर रसभीणा स्वाद अनोखो बीं रो रे।
बेली धीरो रै॥
झटक झाड़बड़ रटक सूड़ पर
बोलण दै भच्चीड़ो रे बेली धीरो रे।
निरेताळ री झाटक राटक
उट्ठण दै हब्बीड़ो रे
बेली धीरो रे॥