घटा घणघोर छाई

पिया थारी याद आई

डागळियौ चढ़-चढ़ देखूं

बाटां उडीक्यां जाऊं

बिरखा अब ली अंगड़ाई

पिया थारी याद आई।

घड़-घड़ बादळिया गाजै

चम-चम बीजळियां चमकै

घर आजा नणदी का भाई

पिया थारी याद आई।

घुड़ला रमावा जावै

घर में कांई बतावै

पाडोसण आ’र बताई

पिया थारी याद आई।

म्हारै हिवड़ै में पिवजी

थांरी सूरत बसियोड़ी

क्यूं इतरा बणौ कसाई

पिया थारी याद आई।

स्रोत
  • पोथी : राजस्थानी गीत ,
  • सिरजक : आशा रानी लखोटिया ,
  • प्रकाशक : आशा पब्लिशिंग हाउस
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