झीणी-झीणी चूनरी सूं

झाँकै मत गोरड़ी

थारै निजरां की मिजमानी

म्हांनै घणी प्यारी लागै

पीळो पोमचो, लाल चूनर

फकर- फकर लहरावै

भंग पीयां ज्यूं कोई भंगेड़ी

गोता अश्यां खावै

चूनरी नैं मत फहरावै, गोरड़ी

थारी चूनर की मिजमानी, म्हांनै...

चंदरबाई को चुड़लो थारो

खनन-खनन जद बाजै

हिवड़ो म्हारो बावळो भागै

थारै लैरां लागै

ईं चुड़लै नैं मत खणकावै, गोरड़ी

थारै चुड़लै की मिजमानी, म्हांनै...

पायल थारी बाजणी

छनन-छनन जद बाजै

मनड़ो म्हारो मोरयो बण

धिन-तिक, धिन-तिक नाचै

ईं पायल नैं मत छनकावै, गोरड़ी

थारी पायल की मिजमानी म्हांनै...

स्रोत
  • पोथी : राजस्थली ,
  • सिरजक : अभिलाषा पारीक ,
  • संपादक : श्याम महर्षि ,
  • प्रकाशक : मरुभूमि शोध संस्थान
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