म्हारै माळ्या में बैठी

अेक चिड़कली

टुक-टुक देखै

दिन-रात अे चिड़कली।

सजना नै दे-दे

संदेसौ अे चिड़कली

मरवण हिंजरै

दिन-रात अे चिड़कली।

कागद ले म्हैं तौ

लिख दूं अे पाती

हाथ धूजै, म्हारी

फाटै है छाती।

नैणा है राता-राता

राती जी चुनड़ली

हींगळू रौ चूड़ौ रातौ

रीती जी रातड़ली।

अब तौ गरियाल बोल्या

कूकड़ा चिड़कली

पौ फाटी है तूं तौ

उड़जा अे चिड़कली।

नान्यौ देवरियौ

खुराफाती अे चिड़कली

पकड़ैला तनै

कागद खोससी चिड़कली।

बांचैला मां रै आगै

कागदियौ चिड़कली

लाज री मारी

मर जास्यूं अे चिड़कली।

चिन्त चंगेड्या

मन माळव चिड़कली

हियौ हाड़ोत्यां मांय

बस्यौ अे चिड़कली।

कैय दीजै आंख्यां देख्या

हाल हाड़ोत्यां नै

बेगा आवण रा

बयान कीजै अे चिड़कली।

के तौ परवाणै बेगौ

लेज्या अे चिड़कली

नीं तर थारा डेरा

फेंकूंली चिड़कली।

जे तूं आवण रौ

ल्यासी परवाणौ चिड़कली

हीरां सूं चूच

मंडास्यू अे चिड़कली।

मोत्यां सूं पंख

जड़ास्यूं अे चिड़कली

मखमल रौ घोंसलौ

बणाद्यूं अे चिड़कली।

स्रोत
  • पोथी : राजस्थानी गीत ,
  • सिरजक : आशा रानी लखोटिया ,
  • प्रकाशक : आशा पब्लिशिंग हाउस
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