चंदा रे, तारां री टोळी में

म्हारौ आलीजौ भंवर व्है तौ जोय!

'गोरी हे, गिगन में नवलख तारा

ज्यांमें आलीजौ भंवर म्हनै दीसै नहि कोय!'

चंदा रे, तारां री टोळी में

म्हारौ आलीजौ भंवर व्है तो जोय!

हिरण्यां में हेर, थोड़ौ किरत्यां में जोय

चम-चम चांनणी रै चिळकै में जोय

इण खुणै जोय, थोड़ौ उण खुणै जोय

पूरब पिछम धुर दिखणादौ जोय

आभै में धरा रौ बासी बसै नहिं कोय

सैयां हे, सैणां री बाड़ी में थारौ छैलभंवर व्है तो जोय!'

भंवरा रे, फूल-कळी में म्हारौ

मतवाळौ मारू व्है तो जोय!

सांईणौ साजन व्है तो जोय

हेली अे, बाडी में सुरंगा फूल, फूलां री सुगंध

छैल भंवर म्हनै दीसै नहिं कोय!

नै गजरा नै अंतर मोलावण गयौ मोय

जिण बिलमाय लियो कुण जांणै कोय

चम्पौ नै चमेली थोड़ौ केवड़ै में जोय

मेंहदी रै झाड़ बैरी महूड़ै में जोय

डाळ-डाळ जोय व्है तो पान-पान जोय!

नाजू हे, पांणीड़े री पाळ वादीलौ ढोलौ व्है तो जोय!'

हंसा रे, सरवर तीर म्हारौ सांईणौ साजन व्है तौ जोय!

पिणियारी है, सरवर नीर अथाग

तीर रे, रंगीलों राजा दीखै नहि कोय!'

तीर माथै जोय कोई अधबिच जोय

छोळा में, हिलोळां में, लहरां में जोय

इण छेड़ै जोय व्है तो उण छेड़े जोय

माछळी रै अेड़ै-छेड़ै ऊंडै जळ जोय!

लहरां बोली नाजू हे, इतरी भोळी मत होय!

नैणां में काजळ री कोर पलकां में जोय

मेंहदी रै सुरंगे रंग, हींगळू में जोय

रग-रग मनरी लगन व्है तो जोय!

चंदा रे, तारां री टोळी में

म्हारौ आलीजौ भंवर व्है तो जोय!

गोरी हे, गिगन में नवलख तारा

ज्यांमें आलीजौ भंवर दीसै नहि कोय!'

स्रोत
  • पोथी : चेत मांनखा ,
  • सिरजक : रेवंतदान चारण कल्पित ,
  • संपादक : कोमल कोठारी ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी ग्रन्थागार, जोधपुर
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