मांपड पाया, भजन कर पाया तो लीनो छै हरिनाम
प्रयाग जी मे सांपड पाया।
चावल राधूंला, हरि सांपड़ आया,
तो हरिया मूंगा की दाल, धाराजी में सांपड आया।
घी बरताऊंली बावड्यां, हरि सांपड़ आया
तो ढब से परूसूंली खांड, धाराजी में सांपड़ आया।
जीमत निरखूंली आ गली, हरि सांपड़ आया,
बीजा तो पुर को बीजणो, हरि सांपड़ आया।
तो गढ़ मुथराजी को छै थाल, धाराजी में सापड़ आया
ओछा तो पागा री ढोलणी, हरि सांपड़ आया।
तो उलट पुलट को छै सौड, धाराजी में सांपड़ आया।