ऊबा सा रिज्यौ महादेवजी

म्हारी मावूं मिलण को जोग

हरपायक ऊबा जी राज

मावूं मिलणबौ छोड़द्यौ

म्हारी गौरल

हो ज्यावौ म्हारी साथ

बागां में फूल्या ओढणी

सहैल्यां में नौसर हार

ऊबा सा रिज्यौ महादेव जी

म्हारी काक्यां मिलण को जोग

हरपायक ऊबा जी राज

काक्यां मिलणबौ छोड़द्यौ

ऊबा सा रिज्यौ महादेवजी

म्हारी भौजायां मिलण को जोग

हरपायक ऊबा जी राज

भौजायां मिलणबौ छोड़दयौ

जरा से ठहरना महादेव जी

मेरी माँ से मिलने का योग है

सेवक आपकी प्रतीक्षा में खड़े हैं

माँ से मिलना छोड़ दीजिये

मेरी गौर

हो जाओ मेरी साथ

बगीचे में आपकी अच्छी लगेगी ओढ़नी

सहेलियों के बीच में नवसर हार

जरा से ठहरना महादेव जी

मेरी काकियों से मिलने का योग है

सेवक आपकी प्रतीक्षा में खड़े हैं

काकियों से मिलना छोड़ दीजिए

जरा से ठहरना महादेव जी

मेरी भावजों से मिलने का योग है

सेवक आपकी प्रतीक्षा में खड़े हैं।

भावजों से मिलना छोड़ दीजिये

स्रोत
  • पोथी : गणगौर के लोक-गीत ,
  • संपादक : महीपाल सिंह राठौड़ ,
  • प्रकाशक : सुधन प्रकाशन, जोधपुर ,
  • संस्करण : 1
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