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साइट: परिचय
संस्थापक: परिचय
अंजस सोशल मीडिया
कैर री हूंस
unknown
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लगियौ धण नै पैलो जी मास, छायां सुहावै
ओ म्हारै सुसराजी रे हाथ री जी
आ तो हूंस भली छे घर नार, थारौ सुसरोजी पुरावै
ओ बड़भागण जगा थारी मनरळी
भावै धण नै फीणी रोटी दाळ, केरिया तो भावै
ओ जगा राणी नै छापर वाळै ताल रा।
कैर
की
भावन
स्रोत
पोथी
: राजस्थानी साहित्य में पर्यावरण चेतना
,
संपादक
: डॉ. हनुमान गालवा
,
प्रकाशक
: बुक्स ट्रेजर, जोधपुर
,
संस्करण
: प्रथम
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