बेटे बिन मां रौ कित्तौ जीव दुख पावै
राम भजौ रे भायां दिन जावै
पाणी बिन मछली रौ कित्तौ जीव दुख पावै
राम भजौ रे भाया दिन जावै
भाई बिन बहिन रौ कित्तौ जीव दूख पावै
राम भजौ रे भायां दिन जावै
गुरु बिन चेलै रौ कित्तो जीव दुख पावै
राम भजौ रे भायां दिन जावै।

राम भजो

स्रोत
  • पोथी : राजस्थानी साहित्य में पर्यावरण चेतना ,
  • संपादक : डॉ. हनुमान गालवा ,
  • प्रकाशक : बुक्स ट्रेजर, जोधपुर ,
  • संस्करण : प्रथम
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