आ तौ गौर किस्या बाई की कहीजै ओ राज
झेर्यौ-मेर्यौ घुड़ल्यौ
आ तो गौर नवरतन बाईसा की कहीजै ओ राज
झेर्यौ-मेर्यौ घुड़ल्यौ
बाईसा रा बीरौ सा सवाई जी कहीजै ओ राज
झेर्यौ-मेर्यौ घुड़ल्यौ!
यह तो गौर कौन से बाई की कही जा रही है ओ राज
चारों और घुड़ला खेल खेला जा रहा है
यह तो गौर नवरत्न बाईसा की कही जा रही है ओ राज
चारों ओर घुड़ला खेल खेला जा रहा है
बहिन के भय्या सवाई सिंह कहे जाते हैं ओ राज
चारों ओर घुड़ला खेल खेला जा रहा है