पूजण दयौ गणगौर

भंवर म्हानै खेलण दयौ गणगौर

सा लाल नणद बाईसा रा बीर

भंवर म्हानै पूजण दयौ गणगौर

मेंहदी तौ चुंटण म्है चल्या

ढोला गयी-गयी सरवर तीर

भंवर म्हानै पूजण दयौ गणगौर...

पूजने दो गणगौर

भंवर हमें यह खेलने दो गणगौर

जी लाल ननद बाई के बीरा

भंवर हमें पूजने दो गणगौर

मेंहदी तो चुनने हम चली

'ढोला' गयी-गयी सरोवर के तीर

भंवर हमें पूजने दो गणगौर

हाथां तौ मेंहदी राचणी सा

म्हारा नखल्यां रो अजब बणांव

सा म्हारा नखल्यां रो अजब बणाव

अन्नाता म्हानै पूजण दयौ गणगौर

सा म्हारी माधाणी कंवर रा बीर

भंवर म्हानै पूजण दयौ गणगौर...

पगल्यां नै पायल ल्यावज्यौ सा

म्हारै बिछिया रै रतन जड़ाय

सा लाल नणद बाईसा रा बीर

अन्नाता म्हानै पूजण दयौ गणगौर...

बय्यां नै बाजू ल्यावज्यौ सा

म्हानै बंगड़ी रतन जड़ाय

सा म्हारा लाल नणद बाईसा रा बीर

हे जी म्हारी रसाल बाईसा रा बीर

माधाणा म्हानै पूजण दयौ गणगौर

माथा नै मै 'मद ल्यावज्यौ सा

म्हारी रखड़ी नै रतन जड़ाय

हे जी म्हारी कुसुम बाईसा रा बीर

म्हानै पूजण दयौ गणगौर

स्रोत
  • पोथी : गणगौर के लोक-गीत ,
  • संपादक : महीपाल सिंह राठौड़ ,
  • प्रकाशक : सुधन प्रकाशन, जोधपुर ,
  • संस्करण : 1
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