सरवर आवे, भोमिया सरवर जाय
गुडला डकावे सरवरिया पाळ।
तीखा सा नैणा रो भोम्यो प्यारो लागे।
जुगल म्हारा दिवला जुगल थारी बाट।
काये को दिवलो, काये री बात।
काये रो घीरत बळै सारी रात।
सोना रो दिवलो रेशम री बात,
सुरीली रो घीरत बळै सारी रात।
भर सुवागण जोयो चौदस की रात,
तीखा सा नैणा रा भोम्या प्यारा लागो राज।