पोथियां
'अंजस ई-पुस्तक' राजस्थानी साहित्य, कला अर लोक परिसर रौ टाळवौ पोथी संग्रै है। जमांनौ तकनीक रै साथै चालै है— इण बात नै सोचता थकां अठै प्रस्तुत है बगत मुजब, हर विधा री राजस्थानी पोथियां।
भासा-सिल्प सारु न्यारी ठौड़ राखणिया सिरैनांव कवि-कहाणीकार-उपन्यासकार। 'मेवे रा रूंख' पोथी माथे केन्द्रीय साहित्य अकादमी पुरस्कार।
नूवी पीढ़ी री कवयित्री।
चावा कवि-गीतकार।
ख्यात कवि-आलोचक-नाटककार अर रंग निर्देसक। 'घर तौ नाम है अेक भरोसै रौ' माथै बिहारी पुरस्कार।
चावा कवि-कहाणीकार।
सुपरिचित कवि।
चावा कवि। कवितावां में लोकधर्मिता सारु राजस्थानी कविता जातरा में न्यारी ठौड़।
इण सदी री कवयित्री।
'ईसरा-परमेसरा' रे विरुद सूं विख्यात। डिंगल रा सिरै भगत कवियों में पैलो नांव। 'देवियाण', 'हरिरस', 'निंदा-स्तुति', 'गुण भागवत हंस' जिसी ठावकी भगतिपरक रचनावां सागै ही 'हालां-झालां रा कुंडलिया' जिसी ऊंचे दरजे री वीर रस री रचना रा भी सिरजक।
नांमी शिक्षाविद–साहित्यकार।
राजस्थानी रा पैला जनकवि। रचनावां में सामाजिक व्यंग्य रै साथै साहित्यिकता, ऐतिहासिकता अर आध्यात्मिकता रो त्रिवेणी संगम निंगै आवै। पाखंड, कुरीतियों अर नशै माथै चोट करता थका जन जागरण रो उद्घोष करियो। दयानंद सरस्वती सूं प्रभावित।
ठावा कवि-संपादक। तेजसिंह जोधा सम्पादित 'राजस्थानी-१' में सामिल कवि।
आधुनिक कविता-जातरा रा सिरैनांव कवि-गद्यकार अर संपादक। भाषा मान्यता आंदोलन रा ठावा सेवग।जबरा चित्रकार ई।
चावा कवि-लेखक।
चावा कवि-आलोचक। 'आलोचना री आंख सूं' आलोचना पोथी पर केन्द्रीय साहित्य अकादमी पुरस्कार।
आधुनिक राजस्थानी साहित्य मांय पै’ली पांत रा सिरैनांव कवि। 'महाकवि' रै रूप में ई पिछाण।
सुपरिचित कवि-गद्यकार। 'अलेखूं अंबा' नाटक पर केंद्रीय साहित्य अकादेमी रौ सिरै पुरस्कार।