तन पर लूआं आग सी अन्तर तिल की आग।
दो आगां री आंच में पड़िया प्राण अभाग॥
भावार्थ:- शरीर पर अग्नि-ज्वाला, प्यास के मारे अन्तर्दाह, इन दोनों अग्नियों के बीच में बेचारी हरिणियों के अभागे प्राण सूखे जा रहे हैं।