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साइट: परिचय
संस्थापक: परिचय
अंजस सोशल मीडिया
तन मांहि तीरथ भला
हरिदास निरंजनी
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तन
मांहि
तीरथ
भला,
तहां
मन
निरमल
होइ।
पांचों
इंद्री
फेरि
करि,
झूलै
बिरला
कोइ॥
स्रोत
पोथी
: श्री महाराज हरिदासजी की बाणी सटिप्पणी (निरपख मूल)
,
सिरजक
: हरिदास
,
संपादक
: मंगलदास स्वामी
,
प्रकाशक
: निखिल भारतीय निरंजनी महासभा, दादू महाविद्यालय, जयपुर
जुड़्योड़ा विसै
काया
निरंजनी सम्प्रदाय
निर्गुण भक्ति काव्य