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साइट: परिचय
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अंजस सोशल मीडिया
सुख दिखलायौ सुरग को
चिमनजी कविया
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सुख
दिखलायौ
सुरग
को,
महा
नरक
मैदांन।
चिमन
कहै
मन
चेत
रे,
अजहूं
मूढ
अग्यांन॥
स्रोत
पोथी
: हरीजस-मोख्यारथी (सोढायण)
,
सिरजक
: चिमनजी कविया
,
संपादक
: शक्तिदान कविया
,
प्रकाशक
: राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान, जोधपुर।
,
संस्करण
: प्रथम