जीव परिणमें जिण जिण भाव मांहि, ते सगला छें न्यारा न्यारा ताहि।
पिण परिणामीक सारा छें तांम, जेहवा तेहवा परिणामीक नांम॥
भावार्थ : जीव जिन-जिन भावों में परिणमन करता है, वे सब भिन्न-भिन्न हैं। वे सभी पारिणामिक हैं। परिणाम के अनुसार उनके नाम हैं।