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साइट: परिचय
संस्थापक: परिचय
अंजस सोशल मीडिया
दरिया संगत साध की
संत दरियाव जी
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दरिया
संगत
साध
की,
सहजाँ
पलटै
अंग।
जैसे
संग
मजीठ
के,
कपड़ा
होय
सुरंग॥
स्रोत
पोथी
: दरियाव- ग्रंथावली
,
सिरजक
: संत दरियाव जी
,
संपादक
: ब्रजेंद्र कुमार सिंहल
,
प्रकाशक
: राजस्थानी ग्रन्थागार, जोधपुर
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