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अंजस सोशल मीडिया
दरिया बिरही साध के
संत दरियाव जी
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दरिया
बिरही
साध
के,
तन
पीला
मन
सूक।
रैण
न
आवै
नींदड़ी,
दिवस
न
लागै
भूख॥
स्रोत
पोथी
: दरियाव- ग्रंथावली
,
सिरजक
: संत दरियाव जी
,
संपादक
: ब्रजेंद्र कुमार सिंहल
,
प्रकाशक
: राजस्थानी ग्रन्थागार, जोधपुर
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