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अंजस सोशल मीडिया
रहनी करनी साध की
संत दरियाव जी
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रहनी
करनी
साध
की,
एक
राम
का
ध्यान।
बाहर
मिलता
सो
मिलै,
भीतर
आतम
ज्ञान॥
स्रोत
पोथी
: दरियाव- ग्रंथावली
,
सिरजक
: संत दरियाव जी
,
संपादक
: ब्रजेंद्र कुमार सिंहल
,
प्रकाशक
: राजस्थानी ग्रन्थागार, जोधपुर
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