नांव सुण्यां सुख ऊपजै जिवड़ै हुळस अपार।
रग-रग नाचै कोड में दे दरसण जिण वार॥
भावार्थ:- तुम्हारा नाम सुनते ही सुख उपजता है और प्राणों में अपार हुलास होता है। जिस समय तू दर्शन देती है, रग-रग तुम्हारे चाव में नाच उठती है।