मरुधर म्हानै पोखिया, मरुधर म्हारो प्राण

राखां आखै जगत में, मरुधर रो म्हे माण

म्हारै मन में मोद अत, मरुधर म्हारो देस

मरुधर रा म्हे लाडला, गावां गीत हमेस

बै धोरा बै रूंखड़ा, बा सागण बणराय

बै साथै रा साइना, कियां भुलाया जाय

जावां च्यारूं कूंट में, जोवां जगत तमाम

निसदिन मन रटतो रहै, प्यारो मरुधर नाम

स्रोत
  • पोथी : बाळसाद ,
  • सिरजक : चन्द्रसिंह ,
  • प्रकाशक : चांद जळेरी प्रकासन, जयपुर
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