जूनौ कोस
नूवौ कोस
लोक परंपरा
ई-पुस्तक
महोत्सव
Quick Links
जूनौ कोस
नूवौ कोस
लोक परंपरा
ई-पुस्तक
महोत्सव
साइट: परिचय
संस्थापक: परिचय
अंजस सोशल मीडिया
लखि लखि अंखियां अधखुली
नागरीदास
Favourite
Share
Share
लखि
लखि
अंखियां
अधखुली,
अंग
मोरि
अंगरात।
आधिक
उठि
लेटत
लटकि,
आरस
भरे
जंभात॥
स्रोत
पोथी
: नागरीदास ग्रंथावली
,
सिरजक
: नागरीदास
,
संपादक
: डॉ. किशोरीलाल गुप्त
,
प्रकाशक
: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी
,
संस्करण
: प्रथम
जुड़्योड़ा विसै
प्रेम
क्रिसण
भगती काव्य