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साइट: परिचय
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अंजस सोशल मीडिया
जानै कौन अगाध की
परशुराम
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जानै
कौन
अगाध
की,
जाके
आदि
न
अंत।
हरि
दरिया
में
परसुराँ,
हम
से
जीव
अनंत॥
स्रोत
पोथी
: राजस्थानी भाषा और साहित्य
,
सिरजक
: परशुराम
,
संपादक
: मोतीलाल मेनारिया
,
प्रकाशक
: राजस्थानी ग्रन्थागार, जोधपुर
,
संस्करण
: 6th
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