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अंजस सोशल मीडिया
माया के रंग जे गये
दादूदयाल
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माया
के
रंग
जे
गये,
ते
बहुरि
न
आये।
दादू
माया
डाकिनी,
इन
केते
खाये॥
स्रोत
पोथी
: श्री दादू वाणी (माया का अंग)
,
सिरजक
: दादूदयाल
,
संपादक
: नारायण स्वामी
,
प्रकाशक
: श्री दादू दयालु महासभा , जयपुर
,
संस्करण
: प्रथम
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