किरसाणां हळ सांभिया, चित में आयो चेत।
हरख भर्या सै पूगिया, अपणै-अपणै खेत॥
भावार्थ:- किसानों ने हल संभाल लिये हैं, सबके चित्त में चेतना व्याप्त हो गई है और आनन्दमग्न हो कर सब अपने-अपने खेतों में पहुंच गये हैं।