आज कळायण ऊमटी छोडै खूब हळूस।
सो-सो कोसां वरससी करसी काळ विधूंस॥
भावार्थ:- आज काली घटा उमड़ी है, हलके बादल खूब बिखर रहे हैं। यह सौ-सौ कोसों तक बरसेगी और अकाल का विध्वंस करेगी।