राजा मांन सकतसी, चतुरंगणी चढे़ह।

घोघुंदै घर देखवा, खंभणोर हूं खड़ेह॥

राजा मानसिंह और शक्तिसिंह ने गोगूंदे में महाराणा के महल देखने के लिये चतुरंगिणी सेना के साथ ख़मणौर से प्रस्थान किया।

स्रोत
  • पोथी : सगत रासो (सगत रासो) ,
  • सिरजक : गिरधर आसिया ,
  • संपादक : हुक्मसिंह भाटी ,
  • प्रकाशक : प्रताप शोध प्रतिष्ठान, उदयपुर
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