जिण दिस देखो सूवती पैल बेम हिरण्यांह।
ठंडी निजरां जोयज्यो कर अूंची किरण्यांह॥
भावार्थ:- जिस दिशा में प्रथम प्रसव-वेदना से पीड़ित हरिणियाँ मिलें उनकी ओर अपनी शीतल दृष्टि रखना और उनके पास से जाते हुए अपनी प्रचंड किरणों को तनिक ऊंचा उठा लेना।