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अंजस सोशल मीडिया
च्यार बरण नर-नार रे
संत सुखरामदास
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च्यार
बरण
नर-नार
रे,
घर
किये
हर
होय।
बेद
में
सुखराम
कहे,
कुल
कारण
नहीं
कोय॥
स्रोत
पोथी
: संत सुखरामदास
,
सिरजक
: संत सुखरामदास
,
संपादक
: डॉ. वीणा जाजड़ा
,
प्रकाशक
: राजस्थानी ग्रन्थागार, जोधपुर
,
संस्करण
: प्रथम
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