चूण लेण रै चाव में चिड़िया खोलै चांच।

भीतर सारो भूंजवै लूआं अकरी आंच॥

भावार्थ:- चुग्गे के चाव में चिड़ियों के नन्हें-नन्हें बच्चे चोंच खोलते हैं पर इतने ही में लू की तेज लपट आकर उनके कलेजे तक को जला डालती है और उनकी चोंचें खुली ही रह जाती है।

स्रोत
  • पोथी : लू ,
  • सिरजक : चंद्र सिंह बिरकाळी ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी ग्रंथागार, जोधपुर (राज.) ,
  • संस्करण : चतुर्थ
जुड़्योड़ा विसै